June 2018 - सह्य-भ्रमंती

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Saturday, June 30, 2018

जीवनगाणे गातच गेलो.. क्षण जे आले, वेचत गेलो..

June 30, 2018 1

    जीवनगाणे गातच गेलो.. क्षण जे आले, वेचत गेलो.. बालपणीचा काळ सुखाचा, मुंगी होऊन खातच गेलो, कुमारपणीचे जीवन सारे, सवंगड्यांना हसवत गेलो.. तरुणाईच्या जोशाने मग, बेड्या सगळ्या तोडत गेलो, प्रेमामधल्या आठवणींना, नाजूक धाग्यांत गुंतत गेलो.. संसा...

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Saturday, June 2, 2018

बतादे ए बारीश.. क्यूं खफा है तू मुझसे..

June 02, 2018 0

    बतादे ए बारीश.. क्यूं खफा है तू मुझसे.. चला हुँ अपनी राह पर, छोड कर दुनियाको पीछे, आसमां को उपर रखकर, और धरती को नीचे.. ये सब छोड कर आया हुँ .. सिर्फ और सिर्फ मिलने तुझसे, बतादे ए बारीश.. क्यूं खफा है तू मुझसे.. मिलेंगे कितने हमसफर यहा, क...

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